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सितंबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार

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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

अहीरों का दोगलापन

आज अहीर जाति के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे है , ये लोग समाज में खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए अपने ग्रुप्स और पेजो के माध्यम से झूठा इति...

----राजस्थान में राजपूतो का सिरमौर जिला पाली (मारवाड़ - गोडवाड़)----

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जी हाँ हम पाली जिले को राजस्थान के राजपूतो का सिरमौर कहे तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। हर क्षेत्र में अपने झंडे गाड़े है यहाँ के राजपूत ने राजनीती में,पढाई में ,विदेशो में ,क्राइम रिपोर्ट में,खेल में , इतिहास हो ,स्वंत्रता संग्राम हो। जिले की सिर्फ 6 % राजपूतो की जनसँख्या वाले राजपूतो ने संख्या कम होने का बहाना बनने वालो का भ्रम भी तोडा है। यहाँ मीरा बाई,सोमेश्वर ,अखेराज और राणा प्रताप आदि ने जन्म लेकर और भी पुण्य कर दिया । इसे तो ओम बन्ना की दिव्या छाया ने भी अमर कर दिया।वही चौहानो की कुलदेवी माँ आशापुरा नाडोल भी यही बिराजमान है। ---इतिहास--- =ये वही धरती है जहा राजपूतो के साथ हुए ""गिरी - सुमेल" के युद्ध में शेरशाह सूरी ने कहा था की  "मैं मुट्ठी भर बाजरे की लिए हिंदुस्तान की सल्लनत खो बैठता"। = राठौड़ो के मूल पुरुष राव सीहा जी ने मारवाड़ का राज्य पाली के बिट्टू ग्राम से प्रारम्भ किया । आज भी उनकी छतरी वह पर है = वीर पृथ्वी राज चौहान की राजधानी पहले नाडोल थी फिर अजमेर बनी यहाँ से उनके पिता सोमेश्वर ने राज यहाँ से प्रारम्भ किया = मी...

रामायणकाल के तथ्य आज भी मौजूद है

रामायण और भगवान राम से हिन्दुओं की आस्था जुड़ी हुई है, लेकिन अकसर ये सवाल उठते रहे हैं कि क्या सच में भगवान राम का इस धरती पर जन्म हुआ था? क्या रावण और हनुमान थे? हम उनको तो किसी ...

सामन्तों की श्रेणियां

                              मध्यकाल मे सामन्तों की श्रेणीया एव सम्मान भी निधारित कर दी गयी।यह ववस्था मुगल मनसबधारि ववस्था से प्रभावित थी पर पूर्ण रूप से उनके अनुसार नह...