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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

राजीव गांधी की कैसी कैसी अय्याशियां




साल था 1987 । तारीख 26 दिसंबर । स्थान बंगराम आइलैंड । लक्षद्वीप प्रशासन का एक हेलीकॉप्टर उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पुत्र राहुल और उसके चार दोस्तों को ले कर इस आइलैंड पर उतरता है । फिर शुरू होती है वह विलासितापूर्ण छुट्टियाँ जिसे देसी भाषा मे "सरकारी पैसों पर अय्याशियां" कहते हैं । और जानते है यह छुट्टियां कितने दिन की थी ? पूरे 10 दिनों की।

आप स्वयं देखिये उस समय के प्रधानमंत्री राजीव और सोनिया यह तस्वीर । वह दौर जब भारत एक अविकसित और गरीब  देश हुआ करता था।आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लक्षद्वीप की इस गुप्त यात्रा में मेहमानों के स्वागत के लिए विदेशी शराब और वाइन का विशाल कंसाईन्मेंट मंगाया गया था । साथ ही मंगाए गए सैकड़ों स्वस्थ मुर्गे , समुन्द्र से पकड़ी गयी ताज़ी मछलियाँ , लक्षदीप का बेहतरीन पपीता, छोटे साईज के बेहतरीन केले, चीकू, अमरुद, अमूल मक्खन , अमूल का ही पनीर ,कैडवरी चाकलेट , दसियों क्रेट कोल्डड्रिंक्स , सैकड़ों बोतल मिनरल वाटर , दुनिया के सबसे बेहतरीन काजू व बादाम ,मीठा नीबू , 105 किलो सबसे महंगे बासमती चाबल,ताज़ी सब्जियों आदि की कई खेप ।

हैरतअंगेज यह कि इस अय्याशी में उपयोग किया गया  भारतीय नौसेना के सबसे आधुनिक तथा विशाल तथा अत्यधिक महंगे परिचालन वाले विमानवाहक पोत आईएनएस विराट का। विराट सहित सहित उसके फ्लीट में चलने वाली पनडुब्बी एवं फ्रिगेट जहाजो तथा नेवी के हेलीकाफ्टरो का काफिला भी राजीव गांधी और सोनिया गांधी के विदेशी मेहमानों की सेवा में लगे रहे । इन छुट्टियों में शामिल थे राहुल गांधी , प्रियंका के विदेशी दोस्त तथा सोनिया गांधी की मम्मी । सोनिया की बहने । सोनिया की बहनों के पति तथा उनके बच्चे । फिर और उनके भी दोस्त । सोनिया के चचेरे, ममेरे भाईयो का झुण्ड जो  'जिजाजी' के खर्चों पर मौज उड़ाने आया था ।

ये सब उस राजनैतिक गांधी परिवार की लक्ष्यदीप की गुप्त और मनोरंजक यात्रा का हिस्सा हुआ करते थे जो आज भी टेलीविजन समाचारों में आपको भारत की गरीब जनता की भलाई की बाते करते हुए , गरीबो के साथ खाना खाते हुए , चुनावों के समय खादी बर्स्त्रो के पीछे छिपा दिखता रहा है ।

याद करिए राजीव गांधी का जमाना जब वो कहा करते थे " हमने देखा है, हम देख रहे है , हम देखेगे " और याद करिए जब राजीव गांधी ने कहा था की दिल्ली से चला एक रुपया भारत के नागरिको के पास पहुँचते पहुँचते मात्र 18 पैसे रह जाता है । याद करिए राहुल और प्रियंका के अब्बा तथा सोनिया के पति राजीव गांधी का वह जमाना जब वो गरीबी हटाओ का नारा लगाया करते थे । याद करिए गुलाम मोहन उर्फ़ मनमोहन की दस साल की सरकारों का दौर जब राहुल सोनिया और प्रियंका गांधी देश में गरीबी पर बड़े बड़े भषण देने के साथ सरकारी खर्चों महीनो लम्बी विदेशी गुप्त यात्राये किया करते थे।

देश से गरीबी दूर करने का वादा करने वाले महा मक्कार कपटी , धूर्त , निकम्मे , भ्रष्ट घोटालेवाज इस परिवार ने देश की गरीब जनता के टैक्स के पैसों से कैसे कैसे गुलछर्रे उड़ाए होंगे , यह सोचकर ही सिरहन हो उठती है । क्या ऐसे कामो का चर्चा कभी आम जनता से किसी ने किया था ?

आज यही अय्याश लोग कर्मठ नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हैं ।  क्या आपने कभी मोदी या उनके परिवार को ऐसी ऐश करते देखा है ? हरगिज नही। आप समझिए कि इन जैसों को मोदी सरकार से तकलीफ क्यों है ।

बिडंवना यह की देश की आजादी से लेकर 2014 तक इसी परिवार ने भारत पर सबसे लम्बे समय तक राज किया ।देश की जनता के पैसो से उच्च स्तर की ऐयाशी करते हुए देश की जनता को अब तक बेवकूफ बनाते आ रहे है ।

और हाँ सबसे महत्वपूर्ण बात; मैंने दिन,महीना,साल सब लिखकर पूर्ण तथ्यात्मक जानकारी सामने रखी है । अब भी किसी बंधु को कोई दिक्कत हो तो अवश्य कहे। खंडन करे तो पूर्ण तथ्य से करे।

सादर

सुधांशु

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