पिछले कुछ दिनों सोशल मीडिया पर फिटनेस चैलेंज का स्यापा मचा है । सुना है केंद्रीय मंत्री ने "भाभीजी घर पर है" सीरियल वाली सौम्या टंडन को चैलेंज किया । उसको देखा देख अनेकों फ़िल्म स्टार मैदान में उतार आये । फर तो जो देखो जिम/कसरत आदि के वीडियोज व फोटो अपलोड कर छलैन्ह करने लगा। आपकीं जानकारी के लिए ये फिटनेस चेलेंज वैलेंज जैसी मुर्खतापूर्ण मुहिम और कुछ नही , पतले लोगों का षड्यंत्र है । पतले दुबले लोग आदिकाल से हट्टे-कट्टे, मोटे ताजे लोगों से चिढ़ते हैं
इसी चिढ़ की देन है कि पतले लोग जानवरों के नाम पर मोटे लोगों को "हाथी" "गैंडा" जैसे नामों से चिढ़ाते हैं जबकि सच्चाई ये है कि जंगल में शिकार होने वाले जानवर हमेशा से पतले दुबले ही रहे हैं । मोटे हाथी की वैभवशाली पर्सनालिटी को देखकर शेर चीते भय खाते है । हाथी से 10 कदम की दूरी बनाकर रखते हैं ।
असल मे सवाल ये होना चाहिए कि पतले होने का फायदा हिरण को क्या मिला ? सिवाय शेर का भोजन बनने के । ऐसा भी नहीं है कि हिरण की आयु ज्यादा है । चार पैरो पर चलने वाले सभी जानवरों में सबसे ज्यादा आयु सबसे मोटे जानवर की ही होती है । ये वैज्ञानिक सत्य है।
ऐसे ही इंसानो में भी है ।
किसी भी अस्पताल में सबसे गंभीर रोगी सबसे पतले लोग ही होते हैं और अफवाह फैलाई जाती है कि रोगो का जड़ मोटापा है । ये अफवाह फैलाता कौन है ? डाक्टर और पतले लोग मिलकर ये अफवाह फैलाते हैं ।
डाक्टर का तो फायदा है और पतले लोग जलन के मारे ऐसी अफवाह फैलाते हैं ।
राजनीति में भी जहां मोटे अमित शाह जैसे लोग सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं । वहीं अखिलेश यादव और राहुल गांधी जैसे दुबले-पतले लोग उनके सामने टिक ही नहीं पा रहे हैं ।
सारे आतंकी असमाजिक और अपराधी टाइप के लोग आपको दुबले-पतले ही मिलेंगे जैसे कि ओशामा , विरप्पन , जिग्नेश मेवानी , खालीद , वगैरा वगैरा और मोटे लोग विश्व शांति मे योगदान देते मिलेंगे ।
समय आ गया है कि दुनिया को पतले लोगों के इस षड्यंत्र से अवगत कराया जाए और मोटे लोगों को अपराध बोध से मुक्त कराया जाए ।
मेरा तोंद , मेरा अभिमान जैसे अभियान चलाएं जाएं । सोशल मीडिया से लगाएं गली-मोहल्लों में पतले लोगों को बेइज्जत किया जाए ।
मुहल्ले के सबसे मोटे आदमी को निर्विरोध पार्षद बनाया जाए।
मोटापे के फायदे बताकर मोटा होने के लिए क्रैश कोर्स चलाया जाए....
और भी बहुत कुछ है । लेकिन वो फिर कभी ।
ओ३म नमस्ते
सादर/साभार
सुधांशु
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