मुगलों को नानी याद दिलाने वाले राजपूत
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(1)जिस मगध के राजा ने युनानी राजा सेल्युक्स और उसके सैनिकों को पिटते हुए सिंध तक ले गया और सेल्युकस को हार के बदले अपनी बेटी देना पड़ा वह चंद्रगुप्त राजपूत । (स्रोत -- बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदन और इन्वेशन आॅफ इंडिया बाई अलेकजेण्डर दी ग्रेट )
(2) जिस मगध के राजा ने हूणों को हराकर भारत की सीमा ईरान तक विस्तार की वह समुद्रगुप्त और स्कंदगुप्त राजपूत ( स्रोत --- जैन ग्रंथ कुमारपाल प्रबंध )
(3) जिस उज्जैन के राजा ने शकों को पुर्ण रूप से भगाकर भारत की सीमा को सउदी अरब और मिश्र तक सीमा विस्तार किया वह परमार विक्रमादित्य राजपूत।(स्रोत - कथा सरितसागर और विक्रम एंड द वैम्पायर रिचर्ड आर. बर्टन )
(4) जिस उज्जैन के प्रतिहार राजा नागभट्ट प्रथम ने 745-56 में अरब के सेनापति हबीब मर्रा को सऊदी अरब और सिंध के खलीफा जुनैद को ईरान तक मारते हुए ले गया वह राजपूत।
(स्रोत - अरबी इतिहासकार बिलाजुरी और The Age of Imperial Kannauj )
(5) जिस नवसारी के सोलंकी राजा पुलकेशिराज चालुक्य ने 738 में अरब आक्रममकारीओं को कच्छ से घोड़े से घसीट-घसीट कर मारते हुए कांधार तक ले गया वह राजपूत। (स्रोत -- युनानी इतिहासकार डा.ए.एस आल्टेकर )
(6) जिस नागभट्ट द्वितीय, शाकम्भरी के चौहान राजा और चितौड़ के खुम्माण अरब के खलीफा मामुन और उसके 75 हजार सैनिकों 810 ई में हराया वें लोग-राजपूत। (स्रोत - ग्वालियर का शिलालेख )
(7) सन 850 में मुल्तान के सूर्य मंदिर को लुटने आए सउदी अरब के आक्रमणकारी खलिफा को उल्टा कर पिटने वालें और फिर कंधार तक खदेड़ देने वाला वह कन्नौज के राजा आदिवराह राजपूत (स्रोत --- अरबी यात्री सुलेमान 851 तथा अरबी इतिहासकार अल मसुदी )
(8) सन 962-63 में खुरासन तुर्की के सुबेदार अल्पतगीन और उसके सेना सुबुक्तगीन को उदभाण्डपुर के राजा जयपाल शाही ने हराया वह- राजपूत (स्रोत - छम्ब के साहिल्यवर्मन के शिलालेख )
(9) सन 1008 में कलिंजर के चंदेल और पंजाब के खोखर 10 हजार राजपूतो ने मिलकर आनंदपाल के नेतृत्व में महमुद गजनवी के 6 हजार धनुर्धर मुस्लिम सैनिकों को चार घंटो में मौत के घात उतार दिया था वह--राजपूत (स्रोत --फरिश्ता )
(10) जिस मेवाड़ के राजा बप्पा रावल ने 734 में मुसलमानों को बुरी तरह हराकर सिंध के सीमा तक ले गया वह--राजपूत। (स्रोत -राजस्थान का इतिहास कर्नल टाॅड तथा उदयपुर का इतिहास गौरीशंकर ओझा )
(11) जिस रानी नाईकी देवी ( मुलराज सोलंकी द्वितीय की माता ) ने एक औरत होकर और राजा धरावर्ष परमार ने 1178 में मुहम्मद गौरी के प्रथम आक्रमण में मुहम्मद गौरी को घायल कर गजनी भेजा वह -राजपूत (स्रोत -- प्रबंध चिंतामणी ,प्रबंध कोष और The Parmaras :Pratipal Bhatia page 176)
(12) जिस चंदेल राजा त्रैलोक्यवर्मन ने कुतुबद्दीन के सेनापति असुद्दीन और नसीरूद्दीन को 1239 में ककदवा गांव में हराकर कलिंजर दुर्ग को वापस ले लिया वह-राजपूत (स्रोत - कलिंजर का शिलालेख और सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध page-134)
(13) जिस रणथम्भौर के राजा वाग्भट चौहान ने 1253 में सेनापति बहाउद्दीन एबक को मार गिराकर को सुल्तान बलबन को हराकर दिल्ली वापस भेजा वह- राजपूत। (स्रोत - मुस्लिम लेखक मिनहाजुद्दीन तथा Rajsthan Throut The Ages दशरथ शर्मा )
(14) जिस चैत्र सिंह चौहान ने रणथम्भौर युद्ध में उलुग खां को हराया तथा उसके कमांडर मलिक एबक ख्वाजा को 1249 में मार गिराया वह- राजपूत।(स्रोत - मुस्लिम लेखक मिनहाजुद्दीन )
(15) जिस राजा रावल सिंह ने 1299 में अलाउद्दीन खिलजी के छोटे भाई उलूग खां को हराया वह- राजपूत।( स्रोत -- उदयपुर का इतिहास गौरीशंकर ओझा और सल्तनतकाल शोध ग्रंथ Page 224)
(16) सन 1043 में जिस राजा महिपाल तोमर ने रातो-रात गजनी के सुल्तान मैदुद को मार भगाकर तथा उसके 25 हजार सैनिकों को गाजर-मुली की तरह काटकर हांसी पर अधिकार जमा लिया वह है- राजपूत (स्रोत --The Struggel for Empire, page 527 534 ,दिल्लीपति राजा महिपाल तोमर - हरिहर निवास द्विवेदी और मुस्लिम इतिहासकार बैहाकी )
(17) सन 1050 में जिस राजा कुमारपाल देव तोमर ने राजा कर्ण कलचुरी तथा राजा अनिहल चौहान के साथ मिलकर 7 महीने तक लाहौर को घेरकर मुसलमानों को जबर्दश्त पिटाई कर और सन 1951 में गजनी के सुल्तान अब्दुलर्रशीद और उसके पंजाब के सुबेदार हाजिब को बुरी तरह से हराकर नगरकोट कांगड़ा पर अधिकार किया वह है - राजपूत ( स्रोत -- इतिहासकार-अशोक मजमुदार और दिल्लीपति राजा महिपाल तोमर -हरिहर निवास द्विवेदी )
(18) जिस राजा गोविन्दचन्द्र गाहड़वाल ने सन 1152 में अमीर तुर्क को युद्ध में मारकर वाराणसी नगर और विश्वनाथ मंदिर की रक्षा की वह है- राजपूत (स्रोत-गाहड़वालों का इतिहास पेज नम्बर-38 लेखक प्रशांत कश्यप )
(19) जिस राजा भरतपाल चौहान ने 1226 में तीन महीनें के भयंकर युद्ध में नासिर महमुद के 1 लाख 20 हजार मलेच्छ सैनिकों मार कर अंत में विरगति को प्राप्त हो गया किंतु चन्दवार पर कब्जा करने में कामयाब रहा वह है--राजपूत (स्रोत --Early Chauhan Dynasties पेज न-23 ले.-दशरथ शर्मा )
(20) जिस मेवाड़ के राजा रावल जैत्र सिंह ने 1227-28 में दिल्ली के सुल्तान अल्तमश को बुरी तरह पिटकर दिल्ली भेजा एवं 1223 में जलाउद्दीन मंगबर्नी और उसकी सेना को परास्त किया वह है -राजपूत।( स्रोत -उदयपुर राज्य का इतिहास,लेखक-गौरीशंकर ओझा तथा The Struggle for Empire पेज-90,91)
(21) सन 1480 में जौनपुर के सुल्तान हुसैनशाह जब अपने पुत्र और परिजनों के साथ जौनपुर जाने के लिए यमुना पार कर रहा था तो भदौरिया राजपूतों ने उसे घेरकर उसके पुत्र और परिजनों को यमुना में ही काटकर फेंक दिया जैसे-तैसे हुसैनशाह नदी पार कर हथकान्त, आगरा पहुंचा तो भदौरिया लोगों ने पिछा कर उसके शिविर पर हमला कर उसे लूट लिया फिर मार भगाया और हथकान्त पर कब्जा कर लिया।उसके बाद 1507 में हथकान्त में ही सिकन्दर लोदी के सेना को भदौरिया लोगों ने इतनी बुरी तरह पिटा की उसे वापस सेना बुलानी पड़ी वह है- राजपूत। ( स्रोत-- सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध ,लेखक -अशोक कुमार सिंह पेज नम्बर- 455 BHU से Phd के लिए मान्यता प्राप्त शोध ग्रंथ )
(22) सन 1336 में जिस महाराणा हम्मीर सिसोदिया ने दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद तुगलक को चितौड़ शासक को मार भगाकर उसे मुक्त करा लिया जब इसकी प्रतिक्रिया में दिल्ली से मोहम्मद तुगलक ने विशाल सेना आक्रमण के लिए भेजा पर अदम्य विरता से सिंगौली के युद्ध में मुगलसेना को परास्त कर दिल्ली भगा दिया।इस विजय के कारण राजा हम्मीर को 'विषमशील पंचानन' की उपाधि दी गई वह है-राजपूत ।(स्रोत --महावीर प्रसाद की प्रशस्ति 1438 ई और सल्तनत काल में हिदू प्रतिरोध पेज- 304 जो BHU की PHD हेतु स्वीकृत शोध ग्रंथ है)
(23) मोहम्मद तुगलक ने 1337-38 में कूर्माचल-कुमायु -गढवाल जैसे पहाड़ी राज्य को जितने के लिए खुसरो मलिक के नेतृत्व में 1 लाख सेना भेजी किंतु जिस राजा त्रिलोकचन्द्र चन्द्रवंशी ने चतुर नीति अपना कर घाटीयों,संकरे मार्ग और गुफाओं मे छुपे बैठे अपने सैनिकों से 90 हजार सैनिकों को मारकर तथा खुसरो मलिक को घायल कर वापस भेज दिया वह है --राजपूत । (स्रोत --मुस्लिम इतिहासकार इब्नबतूता बरनी और एसामी तदा सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध,पेज -305-306)
(24) हिम्मतनगर गुजरात के जिस शासक राव रणमल्ल राठौड़ ईडर ने 1398-99 में तीन महीने तक घोर युद्ध के बाद गुजरात के सुबेदार जफर खां को हरा दिया तथा उसके चालीस हजार सैनिकों को मार गिराया वह है --राजपूत ( स्रोत -- काव्य रणमल्ल छंद लेखक-श्रीधर व्यास )
(25) जिस राव चूण्डा ने 1392 में मुसलमानों से मण्डोर छिन लिया तो 1394-95 में बिजुली खां को मार भगाकर अजमेर पर अधिकार कर लिया और 1399 में नागौर के नवाब जलाल खां खोखर को हत्या कर नागौर को जीत लिया वह है--राजपूत । (स्रोत --इतिहासकार विश्वेश्वरनाथ रेउ और आसोपा एवं मिडिवल हिस्ट्री ऑफ राजस्थान, पेज--124-138 )
(26) जिस महाराणा मोकल सिसौदिया ने 1426 में नागौर के सुल्तान फिरोज खां और उसके साथी को बुरी तरह से हराकर नागौर को जीत लिया तथा 1428-30 में दिल्ली के सैय्यद वंश के मुस्लिम सुल्तान से सांभर ,नरेना और डीडवाना छिन लिया वह है--राजपूत ।( स्रोत--कुम्भलगढ शिलालेख और नरेना के लेख 1437 ई तथा सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध BHU से PHD पढाई के लिए मान्यता प्राप्त शोध ग्रंथ,पेज न--421 )
(28) जिस महाराणा कुंभा ने 1455-56 में गुजरात और नागौर के मुसलमानों की सेना को हराया ,1458 में मालवा एवं गुजरात के सुल्तान कुतुबद्दीन को अपने 40 हजार घुड़सवार सैनिको से छापामार युद्ध करवा कर खदेड़ भगाया तथा 1459 में एक बार फिर से हराया वह है -राजपूत ।(स्रोत --Chittorgadh kritistambh of Maharana kumbha लेखक प्रो. डा. आर. नाथ--यह बुक आगरा यूनवर्सीटी से PHD के लिए मान्यता प्राप्त और राणा कुंभा और उनका काल ,ले-डा.तारामंगल )
(29) जिस राजा पालणसी ने महाराणा कुंभा की मदद से मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी के किलेदार दिलशाद को मारकर 1438 में गागरोण दुर्ग को जीत लिया वह है--राजपूत (स्रोत -- सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध ,PHD पढाई के लिए BHU से मान्यता प्राप्त शोध ग्रंथ,पेज-- 417 )
(30) जिस चंदेल राजा किर्ति सिंह चंदेल ने कलिंजर युद्ध में शेरशाह को इतनी बुरी तरह से पिटाई की वह गंभीर रूप से घायल होकर लौट आया और तीन महीने के अंदर मर गया अनेक इतिहासकार बताते है कि कलिंजर में ही किर्तिसिंह के हाथों शेरशाह मारा गया तो कई इतिहासकार बताते है कि कलिंजर के युद्ध में बुरी तरह से घायल होकर तीन माह बाद मर गया।खैर चाहे युद्ध में मरा या घायल होने के बाद मरा लेकिन जिसने मारा वह है--राजपूत (स्रोत -बुंदेलखंड का इतिहास ,मध्यप्रदेश का इतिहास ,इतिहासकार यदुनाथ सरकार और सल्तनत काल में हिंदू प्रतिरोध,BHU से PHD के लिए मान्यता प्राप्त ग्रंथ पेज न- 136 )
साभार Sanjeetsingh की फेसबुक वॉल से
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