स्वयंसेवक के कर्त्तव्य....
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किसी भी सामाजिक संस्था और उसके स्वयं सेवको के ध्यान में रखने और उसके पालन करने की कुछ ख़ास महतवपूर्ण बाते।
यदि वे इन सब पर खरे है तो निश्चित विजय व आत्मसंतुस्टी के पात्र होंने के साथ हमेशा हर कार्य में अग्रणी रहेंगे और चिरकाल तक निश्चित चर्चा के पात्र बने रहेंगे।
1. याद रखे आप कुछ नहीं करेंगे तो आप को कोई कुछ नहीं कहेगा।
2. आप अगर सक्रीय है तो हमेशा आप पर उंगलिया उठती रहेंगी।
3. अगर आप ये नहीं सोचेंगे की श्रेय किसको मिलेगा तो आप बहुत कुछ कर सकते है।
4. आपके जितने विरोधी होंगे, उतना ही ज्यादा आपका सम्मान होगा।
5. आप जितना ज्यादा काम करेंगे उतना ज्यादा ही आपको और काम करना पड़ेगा।
6. जिम्मेदारी उसी की तरफ खींची आती ही जो उन्हें उठाना चाहता और उठा सकता है।
7. आप अपने मन से जो भी प्रोजेक्ट करेंगे उसकी सफलता का श्रेय संस्था को मिलेगा और असफलता की जवाबदेही आप स्वय की होगी।
8. जो आपका सबसे अच्छा हितैशी है वो आपके मुह पर आपकी आलोचना करेगा।
9. आप को प्रशंशा जब मिलेगी जब आप उसकी अपेक्षा करना बंद कर देंगे।
10. आप लोकप्रिय तब होंगे जब अपने साथियो के कार्य को सराहेंगे और उनका उत्साह बढ़ाते रहेगे ।
11. आप कब सही थे कोई याद नहीं रखेगा,आप कब कब गलत थे कोई नहीं भूलेगा ।
12. आप जितना नियम मान कर चलेंगे आप पर उतना ही ज्यादा नियम मानने का दबाव बनाया जाएगा ।
सबसे ख़ास बात सामाजिक कार्यो का उद्देश्य मन की संतुष्टि होता है
और इस के लिए बहुत कुछ सहना होता है और सही और सच्चे स्वयं सेवक के लिये आत्मसंतुष्टि से बढ़कर कुछ नहीं है।
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