सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार

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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

.......कितने बदल गये हम

कहाँ गए वो प्यारे दिन जब...

* रात को सोने से पहले परिवार के सारे सदस्य घंटो बतियाया करते थे और रात का एक बज जाता था,
अब सब हाथ में मोबाइल लिए हुए सो जाते हैं..

* लाइट जाती थी तब पूरा मोहल्ला पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर एक दुसरे की टांग खीचते थे,
अब तो inverters की वजह से घर से ही नहीं निकलते..है

* चूल्हे की आग पर डेगची में गुड़ वाली चाह्(चाय) की महक 10 किल्ले दूर तक जाती थी,
आज चाय गैस पर बनती है महक छोडो स्वाद का भी पता नहीं लगता..है

* औरतें घूँघट काढती थी और लडकिया चुन्नी से छाती ढकती थी,
अब कवारियां ढाठा मार के सुल्ताना डाकू बन रही हैं
और ब्याही हुई सर भी नहीं ढक रही..है

* पहले मारे शर्म के घर परिवार मे पत्नी से दिन मे बात नही करते थे ।
अब मारे पत्नी के घर परिवार मे किसी से बात नही करते है

* पहले पूरे दिन हारे पर कढोणी में दूध उबलता था और सीपी से खुरचन तार के खाते थे और उस दूध की दही इतनी स्वाद बनती थी,
अब तो गए दूकान पर 15 का दही पाउच मे ले लिया..है

* कोई रोता था तो सब चुप करवाते थे
अब सब रुलाते है..

* कच्ची फूस की छान में पानी मार कर झोपडी में सोने में बहोत मज़ा आता था,और वो बिलकुल ठंडी हो जाती थी
अब वैसे ठंडक AC भी नहीं दे रहे..है

* पहले बड़ी मूँछ और साफे मे ठाकुर की ठुकरेश न्यारी ही दिखती थी
एक आवाज से ही पूरा गाँव इकट्ठा हो जाता था, अब ना पगड़ियाँ,ना मूँछ क्लीन शेव रहते है और ना आवाज में कोई दम..है

* दारु बड़े बूढे पीते थे ,अब तो 8वीं से ही पीना शुरू कर देते हैं..औरअब पीते हुए कि पोस्ट फेसबुक पर करते है

* पहले ज़मीन को माँ समझा जाता था ,
अब एक जमीन का टुकड़ा जिसे बेच कर कोठी बना लो एक कार ले लो और रोज उस कार में बैठ कर दारु और मुर्गा चलने दो..

* पहले गाँव की लड़की वापिस अपने मायके आती तो पूरा गाँव पूछता की बेटी ठीक है ना सब,अब इसलिए मुँह घुमा लेते है कहीं 10 रूपए मान के ना देने पड़ जाऐं..

* पहले लड़ाइयां इज़्ज़त और सम्मान के लिए लड़ी जाती थी, अब दारु पीकर अपने आप हो जाती है
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कितना बदल गया मेरा समाज !!!

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