सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार

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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

गढ़ सिवाणा के दोहें.........


मरूधर म्हारे देश रा, कांई करूँ बखाण।
बाढ़ाणे रो सुरग हैं, सांची गढ़ सिंवियाण॥
परमारे गढ़ रोपियों रक्षा करै चहुँआण!
छप्पन भाखर में बसे म्हारों गढ़ सिंवियाण!!
दुरग री स्वामीभगति, सुं कुण है अणजाण?
करमभूमि उण वीर री, सुंदर गढ़ सिंवियाण॥
गढ़ां गढ़ां सूं सोवणो, शूर सती री खाण।
चहुँकूंटां चावौं घणों, सांची गढ सिंवियाण॥
कटे माथ अ'र धड लडै, राखण मायड़ मान।
कला कमध वाळी कथा, गावै गढ सिंवियाण॥
अलाद्दीन सूं आथड्यौ,तीर खाग जो तांण।
शीतलदे चहुआण री ,शाख भरे सिंवियाण॥
सगळां सिर नामे झुक्या,(जद) अकबर मुगल
महान।
चंद्रसेन तद नी नम्यौ, (वा)साख भरे सिंवियाण॥
रक्षा खातर मात रे , घण खेल्या घमसाण।
कटिया पण झूूकियां नही रंग रे गढ़
सिंवियाण॥
संतां रो तप देखने, भयो अचंभित भांण।
मंछगुरू मठ जिण तप्या,सरस भुमि सिंवियाण॥
भाखर पर भय भंजणी,हाजर है हिंगळाज।
गढ उंचा सवियाण पर,रखै भगत री लाज॥

जय जय राजस्थान

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