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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

“राजपूताना राइफल्स” की ऐसी 17 बातें जिन्हें जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा

1. ‘राजपूताना राइफल्स’ इंडियन आर्मी का सबसे पुराना
और सम्मानित राइफल रेजिमेंट है. इसे 1921 में ब्रिटिश
इंडियन आर्मी के तौर पर विकसित किया गया था.

2. सन् 1945 से पहले इसे 6 राजपूताना राइफल्स के तौर पर जाना जाता था क्योंकि, इसे तब की ब्रिटिश इंडियन
आर्मी के 6 रेजिमेंट्स के विलय के बाद बनाया गया था.

3. राजपूताना राइफल्स को मुख्यत: पाकिस्तान के साथ
युद्ध के लिए जाना जाता है.

4. 1953-1954 में वे कोरिया में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संरक्षक सेना का हिस्सा थे. साथ ही वे 1962 में कौंगो में चले संयुक्त राष्ट्र मिशन का भी हिस्सा थे.

5. राजपूताना राइफल्स की स्थापना 1775 में की गई थी,
जब तात्कालिक ईस्ट इंडिया कम्पनी ने राजपूत लड़ाकों
की क्षमता को देखते हुए उन्हें अपने मिशन में भरती कर
लिया.

6. तब की बनी स्थानीय यूनिट को 5वीं बटालियन बंबई
सिपाही का नाम दिया गया था. इसे 1778 में 9वीं
बटालियन बंबई सिपाही के तौर पर रि-डिजाइन किया
गया था. रेजिमेंट को 1921 में फ़ाइनल शेप देने से पहले 5बार रि-डिजाइन किया गया.

7. 2 राजपूताना राइफल्स वहां लड़ने वाली 7 आर्मी
यूनिट्स में से पहली यूनिट थी, जिसे 1999 में हुए कारगिल
युद्ध में बहादुरी के लिए आधिकारिक तौर पर सम्मान पत्र से
नवाज़ा गया था.

8. राजपूताना राइफल्स का आदर्श और सिद्धांत वाक्य
“वीर भोग्या वसुंधरा” है. जिसका अर्थ है कि ‘केवल वीर और शक्तिशाली लोग ही इस धरती का उपभोग कर सकते हैं’. अब और कुछ बाकी है क्या?

9. राजपूताना राइफल्स का युद्धघोष है... “राजा रामचन्द्र
की जय”

10. राजपूतों के अलावा, राजपूताना राइफल्स में अब जाट,
अहीर, गुज्जर और मुस्लिमों की भी थोडी संख्या है.

11. प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राजपूताना
राइफल्स के लगभग 30,000 सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी.

12. मध्यकालीन राजपूतों का हथियार कटार और बिगुल
राजपूत रेजिमेंट का प्रतीक चिन्ह है.

13. राजपूत रेजिमेंट और राजपूताना राइफल्स दो अलग-अलग आर्मी यूनिट हैं.

14. दिल्ली में स्थित राजपूताना म्यूजियम राजपूताना
राइफल्स के समृद्ध इतिहास की बेहतरीन झलक है. यह पूरे
भारत के बेहतरीन सेना म्यूजियमों में से एक है.

15. 6th बटालियन राजपूताना राइफल्स के कम्पनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत को 1948 में हुए भारत-पाक युद्ध के बाद, मरणोपरांत सेना में अदम्य साहस के लिए दिए जाने वाले तमगे “परम वीर चक्र” से नवाज़ा गया.

16. राजपूताना राइफल्स को आज़ादी पूर्व 6 विक्टोरिया
क्रॉस से नवाज़ा गया है. जो अदम्य साहस, इच्छाशक्ति और
अभूतपूर्व सेवाभाव का परिचायक है.

17. राजपूताना राइफल्स के अधिकतर मेंबरान अपनी विशेष शैली की मूछों के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं.

अब तक आपको इतना तो समझ में आ ही गया होगा कि
पूरी दुनिया की फौजें और ख़ास तौर पर पाकिस्तान और
चीन की फौज “राजपूताना राइफल्स” से इतना ख़ौफ क्यों
खाती हैं.

rajputana soch राजपुताना सोच और क्षत्रिय इतिहास

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