सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार

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Samrat mihir bhoj pratihar सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार परिहार पड़िहार पढ़ीहार राजपूत राजपुताना वीर योद्धा Parihar padhihar padihar Rajput rajputana veer yoddha PNG Logo hd picture By @GSmoothali गंगासिंह मूठली

राजस्थान की शान "राजपूत"

जिन जातियो को क्षत्रिय राजपूतो से नफरत है वो.. जयपुर,जोधपुर,उदयपुर,जैसलमेर,बीकानेर,हरयाणा,जामनगर,उधमपुर आदि के साथ ही सैकड़ो शहरो के नाम बदल दे..

ध्यान वर्तमान भारत के सीमा वर्ती क्षेत्र और पूर्व रियासते.. जैसलमेर,बीकानेर,जोधपुर,जम्मू,कच्छ में राजपूत शाशन ना होता तो ये भी पाकिस्तान में होते और आज क्षत्रिय राजपूत विरोधी हिन्दू टोपी पहन कर कुरान पढ़ रहे होते ।

शायद इन क्षत्रिय राजपूतो ने गलती कर दी मुग़ल तुर्को से लड़ाई कर के अपनी संस्कृति को बनाये रखा..

 हर्षवर्धन बैंस के बाद के सबसे महान राजपूत शासको की सूची।
1-बाप्पा रावल
2-नागभट प्रतिहार
3-मिहिरभोज प्रतिहार
4-अमोघवर्ष राष्ट्रकूट
6-इंद्र-3 राष्ट्रकूट
7-भोज परमार
8-विग्रहराज बीसलदेव
9-यशोवर्मन चन्देल
10-लक्ष्मीकरंण कलचुरी
11-पृथ्वीराज चौहान
12-गोविंदचंद्र गहरवार
13-भीमदेव सोलंकी
14-राणा कुम्भा
15-राव मालदेव
16-राणा सांगा
17- जाम रावल
18-महाराणा प्रताप
19-महाराणा राजसिंह
20-गुलाब सिंह डोगरा।
21-सुहेलदेव बैस
22-कुमारपाल तोमर
23-कैमास दाहिमा
24-आल्हा-उदल
25-वीरधवल बाघेला
26-हठी हमीर
27-जैता
28-कुंपा
29-जयमल राठौर मेड़तिया
30-फत्ता जी सिसोदिया
31-भानजी दल जाडेजा
32-दुर्गादास
33-विरमदेव सोनिगरा
34-कान्हडदेव सोनीगरा
35- राव सुरतन देवड़ा
34 गोरा बादल सोनिगरा
35-कुंवर सिंह
36-जोरावर सिंह
37-डूंगर सिंह भाटी
39-रामशाह तोमर
39-मानसिंह झाला
40-राव बीका
41-राव जोधा
42-कल्ला जी राठौड़
43-गोगा जी
44-डूंगर सिंह भाटी
45-राणा बेनीमाधव सिंह
46-जयपाल आनन्दपाल जंजुआ
47-दुल्ला भाटी
48-मोहन सिंह मुंढाड
49-धीरसेन पुंडीर
50-जयसिंह रावल पताई रावल
51-रावल खुमान
52-पज्जवन राय कछवाह
53-काका कान्ह
54-अखेराज सोनीगरा
55-जाम लाखो फुलानि
56-वीर हमीर जी गोहिल
57-जाम साताजी
58-राम शाह तंवर
59-वीर पाबूजी
60-गोगा जी
61-रामदेव जी तंवर
62-राव शेखा जी
63-राव दूदा जी मेड़ता
64-वीरमदेव मेड़ता
65-वचरा दादा
66-अमर सिंह राठौड़
67-सिद्धार्थ जय सिंह
68-अनंगपाल तोमर
आदि

1-कर्मावती
2-दुर्गावती
3-पद्मनी
4-हाड़ी राणी
5-किरण बाई
आदि

𺠠𺠊🔰ऐसे ही हजारो क्षत्रिय योद्धा जो हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के लिए कुर्बान हो गए।

💪वीर कुंवर सिंह,अमरसिंह,रामसिंह पठानिया,आऊवा ठाकुर कुशाल सिंह,राणा बेनीमाधव सिंह,चैनसिंह परमार,रामप्रसाद तोमर बिस्मिल,ठाकुर रोशन सिंह,महावीर सिंह राठौर जैसे महान क्षत्रिय क्रांतिकारी अंग्रेजो से लड़ते हुए शहीद हो गए।

🔰आजादी के बाद सबसे ज्यादा परमवीर चक्र क्षत्रिय राजपूतो ने जीते।
💪शैतान सिंह भाटी,जदुनाथ सिंह राठौड़,पीरु सिंह शेखावत,गुरुबचन सिंह सलारिया,संजय कुमार डोगरा जैसे परमवीरो का बलिदान क्या भुला जा सकता है????
🔰आज भी
⛳राजपूत रेजिमेंट,
🎋राजपूताना रायफल्स,
⛳डोगरा रेजिमेंट,
🎋गढ़वाल रेजिमेंट,
⛳कुमायूं रेजिमेंट,
🎋जम्मू कश्मीर रायफल्स के जवान सीमा पर दुश्मन का फन कुचलने और गोली खाने के लिए सबसे आगे होते हैं।

🔰देश के एकीकरण के लिए हमने अपनी सैकडो रियासते कुर्बान कर दी,सारी जमीदारी कुर्बान कर दी,अपने खजाने खाली कर दिए!!!!!
👉क्या इस त्याग को यूँ ही भुला दिया जाएगा???❓

💪 क्षत्रिय राजपूत मतलब क्षत्रियो राजपुत्रः
📖गीता से लेकर रामायण तक में वर्णित है यहाँ क्षत्रियो में
💪भगवान राम,
💪भगवान कृष्णा से लेकर..
💪 महात्मा बुद्ध भगवान..
💪 महावीर से लेकर सभी सभी तीर्थनकर
🔰साथ ही लोकदेवता कल्ला जी बाबा रामदेव गोगाजी कल्लाजी सहित सैकड़ो लोकदेवता,जाम्भा जी परमार(विश्नोई मत) हुएं ।

वही राजपुतनिया भी अपना धर्म निभा गयी

↘देश की पहली महिला शहिद एक राजपुतानी
↘अमेरिकी राष्ट्रपति को गॉर्ड और ओनर देने वाली एक राजपूतानी
↘26 जनवरी को एयरफोर्स टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली एक राजपूतानी

ये खून है अभिमानी - सतीत्व की रक्षा
देश के कुछ किले जो अमर हो गए राजपुतनियो के जौहर और राजपूतो के शाका से
चित्तौड़ गढ़ ,जैसलमेर का किला,जालौर का किला, गगरोन का किला,रणथम्बोर का किला,सिवाना गढ़ ,ग्वालियर ,राइसिन का किला,तारागढ़ अजमेर आदि

🔘 जौहर : युद्ध के बाद अनिष्ट परिणाम और होने वाले अत्याचारों व व्यभिचारों से बचने और अपनी पवित्रता कायम रखने हेतु महिलाएं अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा कर,तुलसी के साथ गंगाजल का पानकर जलती चिताओं में प्रवेश कर अपने सूरमाओं को निर्भय करती थी कि नारी समाज की पवित्रता अब अग्नि के ताप से तपित होकर कुंदन बन गई है और राजपूतनिया जिंदा अपने इज्जत कि खातिर आग में कूद कर आपने सतीत्व कि रक्षा करती थी | पुरूष इससे चिंता मुक्त हो जाते थे कि युद्ध परिणाम का अनिष्ट अब उनके स्वजनों को ग्रसित नही कर सकेगा | महिलाओं का यह आत्मघाती कृत्य जौहर के नाम से विख्यात हुआ |सबसे ज्यादा जौहर और शाके चित्तोड़ के दुर्ग में हुए | शाका : महिलाओं को अपनी आंखों के आगे जौहर की ज्वाला में कूदते देख पुरूष कसुम्बा पान कर,केशरिया वस्त्र धारण कर दुश्मन सेना पर आत्मघाती हमला कर इस निश्चय के साथ रणक्षेत्र में उतर पड़ते थे कि या तो विजयी होकर लोटेंगे अन्यथा विजय की कामना हृदय में लिए अन्तिम दम तक शौर्यपूर्ण युद्ध करते हुए दुश्मन सेना का ज्यादा से ज्यादा नाश करते हुए रणभूमि में चिरनिंद्रा में शयन करेंगे | पुरुषों का यह आत्मघाती कदम शाका के नाम से विख्यात हुआ

🎯 शाका ""जौहर के बाद राजपूत पुरुष जौहर कि राख का तिलक कर के सफ़ेद कुर्ते पजमे में और केसरिया फेटा ,केसरिया साफा या खाकी साफा और नारियल कमर पर बांध कर तब तक लड़के जब तक उन्हें वीरगति न मिले ये एक आतमघाती कदम होता। ....."""|

卐 जैसलमेर के जौहर में 24,000 राजपूतानियों ने इज्जत कि खातिर अल्लाउदीन खिलजी के हरम जाने की बजाय आग में कूद कर अपने सतीत्व के रक्षा कि ..

卐 1303 चित्तोड़ के दुर्ग में सबसे पहला जौहर चित्तोड़ की महारानी पद्मिनी के नेतृत्व में 16000 हजार राजपूत रमणियों ने अगस्त 1303 में किया था |

卐 चित्तोड़ के दुर्ग में दूसरे जौहर चित्तोड़ की महारानी कर्मवती के नेतृत्व में 8,000 हजार राजपूत रमणियों ने 1535 AD में किया था |

卐 चित्तोड़ के दुर्ग में तीसरा जौहर अकबर से हुए युद्ध के समय 11,000 हजार राजपूत नारियो ने 1567 AD में किया था |

卐 ग्वालियर व राइसिन का जोहर ये जोहर तोमर सहिवाहन पुरबिया के वक़्त हुआ ये राणा सांगा के रिशतेदार थे और खानवा युद्ध में हर के बाद ये जोहर हुआ

 卐 ये जोहर अजमेर में हुआ पृथ्वीराज चौहान कि शहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी से ताराइन की दूसरी लड़ाई में हार के बाद हुआ इसमें रानी संयोगिता ने महल उपस्थित सभी महिलाओं के साथ जौहर किया ) जालोर का जौहर ,बारमेर का जोहर आदि

 卐 अंतिम जौहर - पुरे विश्व के इतिहास में अंतिम जौहर अठारवी सदी में भरतपुर के जाट सूरजमल ने मुगल सेनापति के साथ मिलकर कोल के घासेड़ा के राजपूत राजा बहादुर सिंह पर हमला किया था। महाराजा बहादुर सिंह ने जबर्दस्त मुकाबला करते हुए मुगल सेनापति को मार गिराया। पर दुश्मन की संख्या अधिक होने पर किले में मौजूद सभी राजपूतानियो ने जोहर कर अग्नि में जलकर प्राण त्याग दिए उसके बाद राजा और उसके परिवारजनों ने शाका किया। इस घटना का जिकर आप "गुड़गांव जिले के गेजिएटर" में पढ़ सकते है

""". इतिहास गवाह है हम राजपूतो की हर लड़ाई में दुश्मन सेना तिगुनी चौगनी होती थी राजस्थान मालवा और सौराष्ट्र में मुगलो ने एक भी हमला राजपूतो पर तिगुनी और चौगनी फ़ौज से कम के बिना नही नही किया पर युद्ध के अंतः में दुश्मन आधे से ऊपर मरे जाते थे ""

卐卐 तलवार से कडके बिजली, लहु से लाल हो धरती, प्रभु ऐसा वर दो मोहि, विजय मिले या वीरगति ॥ 卐卐
|| जय भवानी ||

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