सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार

राजा सूर्य से सूर्यवंशी कहलायें इनकें पुत्र रत्न से क्रमश वंश वृक्ष
1. राजा श्री मान सूर्य
2. राजा श्री मान शम्भुमनु
3. राजा श्री मान बेबेसमंद
4. राजा श्री मान अखीभाक
5. राजा श्री मान शिशोद
6. राजा श्री मान कोकसद
7. राजा श्री मान अनल परथू
8. राजा श्री मान रघु, ये राजा चक्रवर्ती हुए इन राजा रघु से रघुवंशी पुत्र कहलायें .
9. राजा श्री मान रंगोक
10. राजा श्री मान डोडियास
11. राजा श्री मान हरजस
12. राजा श्री मान धनुमान ये राजा चक्रवर्ती हुए
13. राजा श्री मान नंगधिर
14. राजा श्री मान सरीबसंत
15. राजा श्री मान तरेसिंघ
16. राजा श्री मान हरिचन्द्र ये राजा सत्यवती हुए
17. राजा श्री मान रोहितास
18. राजा श्री मान चपक
19. राजा श्री मान सव
20. राजा श्री मान संतोक
21. राजा श्री मान चोज
22. राजा श्री मान उरंग बाहू
23. राजा श्री मान सगर – इन राजा के साठ हजार पुत्र हुए फिर कपिलमुनि का श्राप [ साथ ] से जल कर ख़ाक हुए इन राजा के पुत्रो ने मारवाड़ में सांगड बेरा खुदवाया जिस को थली में सांगडू बेरा कहतें हैं.
24. राजा श्री मान आसमान जीत
25. राजा श्री मान दलीप [ दिलीप ] इन राजा नें दिल्ली गढ़ बनाया
26. राजा भागीरथ [ त ] इन राजा नें गंगा को मृत्यु लोक में लाये, अपनें बडावा राजा सगर के साठ हजार पुत्रो की गति की, उनका उद्धार किया. दोहा- भागीरथ के भार गड भरवर [ गरवर ] सु आई गंगा कटिया पाप करोड़ तो भेटन्ता भागीरती
27. राजा श्री मान जगली
28. राजा श्री मान अकिती
29. राजा श्री मान नरभख
30. राजा श्री मान अमरिख
31. राजा श्री मान सहदिप
32. राजा श्री मान अनबरण
33. राजा श्री मान प्रभु
34. राजा श्री मान बपरिक
35. राजा श्री मान पुडरीक
36. राजा श्री मान खेमाधन
37. राजा श्री मान देवनीक
38. राजा श्री मान अज्र इन राजा नें अयोध्यापूरी बसाई
39. राजा श्री मान दशरथ
40. राजा श्री भगवान्, ईश्वर “राम”
रघुवंशी शिशोद वंश की साखा इस प्रकार वंशावली
राजा राम चन्द्र जी ने अयोध्यापूरी बसाई
40.राजा दशरथ जी के चार पुत्र रत्न हुए
1. श्री मान राजा राम चन्द्र जी
2.श्री लक्ष्मण जी
3. श्री भरत जी
4. श्री शत्रुघ्न जी
2. श्री मान राम चन्द्र जी के दो पुत्र हुए
3. 41.
1.श्री मान राजा लीव [ लव ] इन्होने लीवपुर राज्य बसाया और लीवपुर राज्य किया. जिसको आज लाहौर के नाम से जाना जाता है. [ श्री मान राजा लव ने लीवपुर राज्य किया ! राजा लव ने लाहौर बसाया वों आज लाहौर के नाम से विधमान हैं.
2. [ श्री मान राजा कुश जी इन का वंश जयपुर का ज्यो कच्छवाह साखा से विधमान है. ]
इस प्रकार श्री मान राजा लव के आगे पुत्र रत्न राजा
42. श्री मान राजा आथित के पुत्र
43. श्री मान राजा निखंद >>> इन राजा नें निखंद देश बसाया के पुत्र
44. श्री मान राजा नल
45. श्री मान राजा पूडरिख
46. श्री मान राजा खेमाधन
47. श्री मान राजा बल
48.. श्री मान राजा सव
49. श्री मान राजा सल
50. श्री मान राजा बृजनाभराज
51. श्री मान राजा विचित्रिंग
52. श्री मान राजा हिरणनाभ
53. श्री मान राजा पुष्पक
54. श्री मान राजा सुशीन्द
55. श्री मान राजा अग्निबरण
56. श्री मान राजा शीघ्रबाहू
57. श्री मान राजा मारू जी
58. श्री मान राजा प्रसूसुतर
59. श्री मान राजा सीधी
60. श्री मान राजा अमरीखसेण
61. श्री मान राजा महासेनजेत
62. श्री मान राजा विसवासेन
63. श्री मान राजा सह्जेत
64. श्री मान राजा श्रसेनजीत
65. श्री मान राजा तक्षक
66. श्री मान राजा बरहदेबल
67. श्री मान राजा बरहेदेण
68. श्री मान राजा उदयक्रम
69. श्री मान राजा वृतक्षवृत
70. श्री मान राजा प्रतिव्योम राजा
71. श्री मान राजा भानु
72. श्री मान राजा सहदेव राजा
73. श्री मान राजा ब्रदेव
74. श्री मान राजा बाहुमानराजा
75. श्री मान राजा प्रतीय
76. श्री मान राजा सव
77. श्री मान राजा मऊदेव
78. श्री मान राजा सुनक्षत
79. श्री मान राजा प्रसपक [ अंतरिक ]
80. श्री मान राजा सुरतपा
81. श्री मान राजा अभयजीत
82. श्री मान राजा ब्रदय
83. श्री मान राजा बरही
84. श्री मान राजा अनिबाहकेतु
85. श्री मान राजा संजयजेत
86. श्री मान राजा रणजय
87. श्री मान राजा संजय
88. श्री मान राजा साक्य / क्ष्रदय
89. श्री मान राजा प्रेसेनजीत
90. श्री मान राजा सुंधक
91. श्री मान राजा सुरथ जी
92. श्री मान राजा सुमित्र
93. श्री मान राजा भद्रसन
94. श्री मान राजा आसमान
95. श्री मान राजा बलभ सेन
96. श्री मान राजा सूर्यमुदर
97. श्री मान राजा महारथी
98. श्री मान राजा सथिल
99. श्री मान राजा अचल सेन
100. श्री मान राजा कनक सेन इन राजा ने लाहौर से आकर सौराष्ट्र देश विजय किया और बलभीपुर शहर बसाया.
101. श्री मान राजा महामन सेन
102. श्री मान राजा सुदन्त
103. श्री मान राजा बिजेये
104. श्री मान राजा केशवादत्त
105. श्री मान राजा आसवादत
106. श्री मान राजा देवदत्त.
107. श्री मान राजा भालवाद्त
108. श्री मान राजा रुपाद्त्त
109. श्री मान राजा गुहादत्त इन राजा ने गुहा में जन्म लेने से गहलोत [ गुह्लिग़ ] शाखा कहलाई
( गुहिल 566-686.)
110. भोज 686-606.
111. महेन्द्र प्रथम 606-626.
112. नागादित्या 626-646.
113. शिलादित्य 646-661,
114. अपराजित 661-688,
115. महेन्द्र द्वितीय 688-734,
116. काल भोज (बप्पा रावल)मेवाड़ का मूल संस्थापक 734-753,
117. रावल खुमान प्रथम 753-773.
118. रावल मततै 773-793,
119. भतृरिभट्ट प्रथम 793-813,
120. रावल सिँह 813-828,
121. रावल खुमान द्वितीय 828-853 ,
122. रावल महायक 853-878,
123. रावल खुमान तृतीय 878-942,
124.रावल भृतरिभट्ट द्वितीय 942-943,
125.रावल अल्लट 951-953,
126.रावल नरवहन 971-973,
127. रावल शलिवहन 973-977,
128. रावल शक्ति कुमार 977-993,
129. रावल अम्बा प्रसाद 993-1007,
130. रावल सूचि वर्मा 1007-1021,
131. रावल नर वर्मा 1021-1035,
132. रावल किर्ति वर्मा 1035-1051,
133. रावल योगराज 1051-1068,
134.रावल वैरट 1068-1088,
135.रावल हन्सपाल 1088-1103,
136.रावल वैरि सिँह 1103-1107,
137.रावल विजय सिँह 1107-1127.
138.रावल अरि सिँह प्रथम 1127-1138,
139.रावल चौड़ सिँह 1138-1148,
140.रावल विक्रमादित्य प्रथम 1148-1158.
141.रावल कर्ण सिँह प्रथम (इनके तीसरे पुत्र शिवाजी के पुर्वज है) 1158-1168,
142.रावल क्षेम सिँह 1168-1172,
143.रावल समन्त सिँह 1172-1179.
144.रावल कुमार सिँह 1179-1191.
145.रावल मथन सिँह 1191-1211.
146.रावल पदम सिँह 1211-1213.
147.रावल जैत्र सिँह (इनके तृतीय पुत्र नेपाल राजगद्दी पर बैटे थे) 1213-1253.
148.रावल तेज सिँह 1261-1267.
149. रावल समर सिँह 1273-1302.
150. रावल रतन सिँह (रानी पदमिनी के पति) 1302-1303.
151. महाराणा हमीर सिँह (सर्वप्रथम महाराणा की पदवी धारण करने वाले) 1326-1364.
152. महाराणा क्षेत्र सिँह 1366-1382.
153. महाराणा लक्ष्य सिँह (लाखा) 1382-1421.
154. महाराणा मोकल 1421-1433.
155. महाराणा कुम्भा 1433-1468.
156. महाराणा उदय सिँह (उदा) 1468-1473.
157. महाराणा राईमल 1473-1509.
158. महाराणा सग्राम सिँह प्रथम (सांगा) 1509-1528.
159. महाराणा रतन सिँह द्वितीय 1527-1531.
160. महाराणा विक्रमादित्य द्वितीय 1531-1536.
161. महाराणा उदय सिँह द्वितीय 1537-1572.
162. महाराणा प्रताप प्रथम 1572-1597.
163. महाराणा अमर सिँह 1597-1620,
164. महाराणा कर्ण सिँह द्वितीय 1620-1628.
165. महाराणा जगत सिँह प्रथम 1628-1652.
166. महाराणा राज सिँह प्रथम 1653-1680.
167. महाराणा जय सिँह 1680-1698.
168. महाराणा अमर सिँह द्वितीय 1698-1710.
169. महाराणा सग्राम सिँह द्वितीय 1710-1734.
170. महाराणा जगत सिँह द्वितीय 1734-1751.
171. महाराणा प्रताप सिँह द्वितीय 1751-1754.
172. महाराणा राज सिँह द्वितीय 1754-1761.
173. महाराणा अरि सिँह द्वितीय 1761-1773.
174. महाराणा हमीर सिँह द्वितीय 1773-1778.
175. महाराणा भीम सिँह 1778-1828.
176. महाराणा जवान सिँह 1828-1838.
177. महाराणा सरदार सिँह 1838-1842.
178. महाराणा स्वरूप सिँह 1842-1861.
179. महाराणा शम्भू सिँह 1861-1874
180. महाराणा सज्जन सिँह 1874-1884
181. महाराणा फतेह सिँह 1884-1930
182. महाराणा भूपाल सिँह 1930-1955
183. महाराणा भगवत सिँह 1955-1984
184. महाराणा महेन्द्र सिँह मेवाड़ 1984से
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें